GRAP-4 लागू होने के बाद Gurugram में सरकारी कार्यालयों के समय में हुआ बदलाव
आदेशों के तहत अब सभी सरकारी कार्यालय में कर्मचारी सुबह 09:30 बजे दफ्तर आएंगे व शाम 05:30 बजे तक अपनी सेवाएं देंगे। वहीं नगर निकायों में कमर्चारियों के ऑफिस आने का समय प्रातः 08:30 बजे व वापस जाने का समय शाम 04:30 बजे निर्धारित किया गया है।
Gurugram News Network – गुरुग्राम में डीसी अजय कुमार ने सोमवार देर रात दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का चौथा चरण लागू होने के संबंध में सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को ग्रेप 4 की पाबंदियां सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। डीसी द्वारा जारी आदेशों के तहत सभी सरकारी कार्यालयों में आने वाले कर्मचारियों के ऑफिस टाइमिंग में बदलाव किया गया है।
आदेशों के तहत अब सभी सरकारी कार्यालय में कर्मचारी सुबह 09:30 बजे दफ्तर आएंगे व शाम 05:30 बजे तक अपनी सेवाएं देंगे। वहीं नगर निकायों में कमर्चारियों के ऑफिस आने का समय प्रातः 08:30 बजे व वापस जाने का समय शाम 04:30 बजे निर्धारित किया गया है। एयर क्वालिटी में सुधार के दृष्टिगत डीसी ने सभी प्राइवेट संस्थानों में अगले आदेशों तक वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की एडवाइजरी जारी की है।
ग्रेप-4 की पाबंदियों की पालना के तहत सभी स्कूलों में 10वीं व 12वीं कक्षाओं को छोड़कर हाइब्रिड मॉड में कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए गए। डीसी ने सीएक्यूएम द्वारा एनसीआर क्षेत्र में नागरिकों के लिए जारी की गई एडवाइजरी का हवाला देते हुए आग्रह किया कि बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन, हृदय, मस्तिष्कवाहिकीय या अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए। अगर किसी आवश्यक कार्य से बाहर जाना है तो मास्क जरूर पहने।
ग्रेप-4 की पाबंदियों के तहत जिला में राजमार्ग व फ्लाईओवर समेत सार्वजनिक व निजी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पाबंदी होगी। कच्ची सड़कों पर वहां आवागमन निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर रोक रहेगी। खुले में कचरा जलाने पर रोक रहेगी,पॉलीथिन और प्रदूषणकारी पदार्थों का उपयोग भी प्रतिबंधित रहेगा।
बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम, ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना, ईंट व चिनाई के कार्य,पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य, टाइल्स,पत्थरों और अन्य फ़्लोरिंग सामग्री की कटिंग, सीमेंट, ईंटें,रेत,कंकड़,पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण पर पाबंदी रहेगी।